
- कोरबा, छत्तीसगढ़: सावन के पहले सोमवार पर कनकेश्वर महादेव मंदिर में उमड़ा आस्था का सैलाब
कनकी धाम में श्रद्धालुओं की भारी भीड़, जलाभिषेक कर मांगी मनोकामनाएं

कोरबा,(छत्तीसगढ़ टाईम्स 24×7) 14 जुलाई 2025 – सावन माह की पावन शुरुआत के साथ ही आज सोमवार को कोरबा जिले के प्रसिद्ध कनकेश्वर महादेव मंदिर, कनकी में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। श्रद्धा, भक्ति और शिव आराधना के वातावरण से पूरा क्षेत्र ‘हर-हर महादेव’ के जयघोष से गुंजायमान हो उठा।
सुबह से ही हजारों की संख्या में शिवभक्त मंदिर पहुंचे और जलाभिषेक, बेलपत्र, धतूरा, अक्षत और भस्म अर्पित कर भगवान शिव की आराधना की। महिलाओं, युवाओं और बच्चों समेत हर आयु वर्ग के भक्तों ने पूरे उत्साह और भक्ति के साथ पूजा-अर्चना में भाग लिया।
कनकेश्वर महादेव मंदिर का इतिहास और महत्व
कोरबा जिले के कनकी ग्राम में स्थित यह प्राचीन मंदिर छत्तीसगढ़ के प्रमुख धार्मिक स्थलों में गिना जाता है। इसे ‘कनकी धाम’ के नाम से भी जाना जाता है। मान्यताओं के अनुसार, यहां स्थित शिवलिंग स्वयंभू है, जो किसी मानव द्वारा निर्मित नहीं बल्कि प्राकृतिक रूप से प्रकट हुआ माना जाता है।
“कनकेश्वर” नाम का अर्थ होता है — कनक (सोना) के समान मूल्यवान ईश्वर। कहा जाता है कि इस क्षेत्र में कभी अपार समृद्धि थी, और भगवान शिव को कनक के समान पूजनीय माना गया। मंदिर का इतिहास सैकड़ों वर्षों पुराना है और इसे सत्य युग से जोड़कर देखा जाता है।
सावन में बढ़ता है महत्व
श्रावण मास भगवान शिव का प्रिय महीना माना जाता है। खासकर सोमवार के दिन शिव की विशेष पूजा का महत्व है। इसी कारण आज के दिन भक्तों का उत्साह देखते ही बनता था। कई श्रद्धालु पैदल चलकर या कांवर यात्रा के रूप में मंदिर पहुंचे।
प्रशासनिक व्यवस्थाएं रही चाक-चौबंद
श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए मंदिर प्रबंधन समिति व स्थानीय प्रशासन द्वारा विशेष सुरक्षा और सुविधा प्रबंध किए गए थे। पेयजल, मेडिकल सहायता और पार्किंग जैसी आवश्यक व्यवस्थाएं भी सुनिश्चित की गई थीं।
कनकेश्वर महादेव मंदिर में सावन के पहले सोमवार पर उमड़ी भक्तों की भीड़ ने यह साबित कर दिया कि यह स्थान आस्था और श्रद्धा का जीवंत केंद्र बना हुआ है। श्रद्धालुओं को विश्वास है कि यहां सच्चे मन से की गई प्रार्थना जरूर पूर्ण होती है।

Cheaf Editor of Chhattisgarhtimes 24×7