
केंद्रीय जेल में राखी का पर्व: 3000 से अधिक बंदियों की कलाई पर बंधेगी राखी, 6000 बहनों के आने की संभावना
रायपुर/बिलासपुर(छत्तीसगढ़ टाइम्स 24×7)
रक्षाबंधन का पावन पर्व इस बार भी छत्तीसगढ़ की केंद्रीय जेलों में भावनाओं से भरा रहेगा। हर साल की तरह इस साल भी बहनों को अपने बंदी भाइयों की कलाई पर राखी बांधने की अनुमति दी गई है। जेल प्रशासन द्वारा इसकी तैयारियां जोरों पर हैं। रक्षाबंधन के मद्देनजर छत्तीसगढ़ शासन के जेल एवं सुधारात्मक सेवाएं मुख्यालय द्वारा विशेष गाइडलाइन जारी की गई है, जिसके अनुसार सुरक्षा और व्यवस्था दोनों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
6000 से अधिक बहनों के आने की उम्मीद
राज्य की सबसे बड़ी रायपुर केंद्रीय जेल में वर्तमान में 3009 बंदी निरुद्ध हैं। अनुमान है कि 6,000 से अधिक बहनें राखी लेकर अपने भाई से मिलने पहुंचेंगी। जेल परिसर में टेंट, बांस-बल्ली से बने बैरिकेड्स और लाइन व्यवस्था को अंतिम रूप दिया जा रहा है, ताकि भीड़ को नियंत्रित किया जा सके और बहनों को कोई असुविधा न हो।
सख्त सुरक्षा व्यवस्था, 100 अतिरिक्त जवानों की तैनाती
जेल प्रशासन ने सुरक्षा के मद्देनजर 100 अतिरिक्त जवानों की मांग की है। इसमें 30 महिला व पुरुष पुलिसकर्मी, 20-20 महिला व पुरुष होमगार्ड जवान शामिल होंगे। इसके अतिरिक्त जेल का नियमित स्टाफ भी तैनात रहेगा। जेल परिसर के बाहर और भीतर विशेष निगरानी रखी जाएगी।
क्या ले जा सकेंगी बहनें? केवल राखी और 200 ग्राम सोनपापड़ी
रक्षाबंधन पर आने वाली बहनों को केवल राखी और 200 ग्राम सूखी सोनपापड़ी ही अंदर ले जाने की अनुमति होगी। रुपए, मोबाइल फोन, इलेक्ट्रॉनिक वस्तुएं और ज्वलनशील सामग्री पूरी तरह प्रतिबंधित रहेंगी।
भावुक पल बनते हैं गवाह
हर साल की तरह इस बार भी जेल में राखी का पर्व भावनाओं से भरपूर होगा। दूर-दराज़ से आई बहनें जब अपने भाई की कलाई पर राखी बांधेंगी, तो यह दृश्य हर किसी की आंखें नम कर देगा। कई बंदी वर्षों बाद अपनी बहनों से मिलते हैं, ऐसे में यह दिन उनके लिए एक उम्मीद की तरह होता है।
स्वास्थ्य सुविधा का भी इंतजाम
रक्षाबंधन के दिन किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए जेल परिसर में मेडिकल टीम और फार्मेसी यूनिट भी तैनात रहेंगी। साथ ही सैनिटाइज़ेशन और अन्य स्वास्थ्य मानकों का पालन सुनिश्चित किया जाएगा।

Cheaf Editor of Chhattisgarhtimes 24×7